वैश्विक महामारी की वजह से लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बावजूद सिंगापुर इंटरनेशनल फाउंडेशंस (एसआईएफ) के यंग सोशल एंटरप्रैन्योर्स (वाईएसई) कार्यक्रम ने पूरे विश्व के युवा चेंजमेकर्स को विकसित करने के लिए एक डिजिटल अनुभव के तौर पर अपने 2020 के संस्करण की शुरुआत की। 19 देशों के 109 युवा 3 जुलाई से 29 अगस्त तक चलने वाली वाईएसई वर्कशॉप के लिए वर्चुअल ढंग से एकत्रित हुए।
इस वर्ष संपन्न ऐसे 11वें कार्यक्रम में सामाजिक व्यापार से जुड़े विचारों को प्रस्तुत किया गया, जिसमें अधिक समावेशी समाज के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने, और पर्यावरण को बचाने के लिए वैकल्पिक साधनों का प्रस्ताव, शिक्षा और जॉब ट्रेनिंग के जरिये कमजोर समुदायों को सशक्त बनाने जैसे विचार शामिल थे। विविध प्रभाव क्षेत्रों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के बावजूद, सभी टीमों ने उन समुदायों में स्थायी परिवर्तन लाने के सामूहिक लक्ष्य को साझा किया, जिनमें वे काम करते हैं।
वाईएसई वर्कशॉप के तहत वेबिनारों और बिजनेस क्लिनिकों की सीरीज चलाई गई, जिनका नेतृत्व सामाजिक उद्यमियों, वैचारिक लीडर्स और बिजनेस रणनीतिकारों ने किया था। इसमें शामिल प्रतिभागियों को प्रभावशाली सामाजिक उद्यमी बनने के लिए जरूरी ज्ञान मिला। इसमें फाइनेंस, मार्केटिंग और प्रभाव मूल्यांकन पर भी सत्रों का आयोजन हुआ। प्रतिभागियों को अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के अपने जैसी सोच रखने वाले समकक्षों से संवाद करने, नए मित्र बनाने के लिए बहुसांस्कृतिक व गहरा ज्ञान हासिल करने और पेशेवर समझ विकसित करने का मौका मिला। अंत में 54 टीमों ने जजों के एक पैनल के समक्ष अपना बिजनेस प्लान पेश किया, जिनमें से 15 टीमें वाईएसई कार्यक्रम के अगले चरण में आगे बढ़ने के लिए शॉर्टलिस्ट की गईं।
नौ राष्ट्रीयताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 29 युवा बदलावकर्ताओं से मिलकर बनी टीमों का चयन उन्हें ज्यादा परिष्कृत करने के लिए किया गया। इसकी वजह यह थी कि उनके बिजनेस विचारों में यह क्षमता देखी गई कि वे महत्वपूर्ण सामाजिक प्रभाव उत्पन्न कर सकें, स्थायित्वपूर्णता के वादे पर खरे उतर सकें और अपने बिजनेस मॉडल को माप करने योग्य बना सकें। कार्यक्रम के अगले चरण में जाने वाली 15 टीमों में चार टीमें भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली थीं। इनके नाम हैं – बिल्ट एम्पैथी , कैनफेम, इंटरनेशनल चेंजमेकर ओलंपियाड और शून्य एन्वॉयरन्मेंल सॉल्यूशंस। भारत के ये सामाजिक उद्यम शहरी डिजायन, हेल्थकेयर के साथ शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्रों में स्थायित्वपूर्ण समाधान पेश कर रहे हैं।
अगले छह महीनों तक शॉर्टलिस्ट की गई टीमों पर मैकिंसे एंड कंपनी और टीमसेक इंटरनेशनल के अग्रणी बिजनेस कंसल्टेंट्स और संबंधित क्षेत्र के स्थापित उद्यमियों द्वारा नजर रखी जाएगी। टीमों के पास अपने व्यावसायिक कौशल को सुधारने, अपने सांस्कृतिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाने और 1,200 से अधिक सदस्यों वाले वैश्विक वाईएसई के पूर्व छात्रों के नेटवर्क का फायदा उठाने का अवसर होगा। मार्च 2021 में, सभी टीमें वाईएसई पिचिंग फॉर चेंज इवेंट में एकजुट होंगी। वे अपनी परिष्कृत व्यापारिक योजनाओं को 20,000 सिंगापुर डॉलर तक की फंडिंग प्राप्त करने के अवसर के रूप में न्यायाधीशों के एक पैनल के सामने पेश करेंगे।
एसआईएफ के चेयरमैन, राजदूत ओंग केंग योंग ने कहा, “एसआईएफ में, हम विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को एक बेहतर उद्देश्य के लिए विचारों और कृत्यों को प्रोत्साहन देने के लिए साथ लाने में भरोसा करते हैं। हालांकि हम इस वर्ष सिंगापुर में वाईएसई प्रतिभागियों को शारीरिक रूप से लाने में असमर्थ हैं। लेकिन डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म सामाजिक उद्देश्य की एक मजबूत भावना द्वारा संचालित युवा चेंजमेकर्स की ऊर्जा, इनोवेटिव भावना और जुनून का पोषण करने के लिए नए अवसर प्रदान करता है। महान आर्थिक, जलवायु और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों वाले इस वर्तमान समय में, यह और भी महत्वपूर्ण है कि हम सामाजिक इनोवेशन की गति में तेजी लाएं। ”
शॉर्टलिस्ट किए गए प्रतिभागियों को वर्कशॉप द्वारा प्रोत्साहित किया गया और वे अपनी वाईएसई यात्रा के लिए काफी उत्सुक हैं। सिंगापुर के हेयरलूम के सह- संस्थापक राहुल मिलन पालेजा ने कहा, “यह आंखें खोलने वाला अनुभव रहा है। मैं वाईएसई कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आभारी हूं। यह दुनिया भर के समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के साथ जुड़ने के लिए बहुत अच्छा है, जो सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक रास्ता बनाना चाहते हैं। मेरी टीम और मैं आने वाले महीनों में अपने मेंटर्स के साथ काम करने की आशा कर रहे हैं, ताकि हम यह जान सकें कि हम अपने सामाजिक उद्यम के विचार को अगले स्तर तक कैसे ले जा सकते हैं। ”
भारत से बिल्ट एम्पैथी की संस्थापक भाव्या सिंह ने भी इस अनुभव पर अपने विचार साझा किए। “वाईएसई कार्यक्रम के माध्यम से, हम भारत के बाहर सामाजिक उद्यम परिदृश्य के संपर्क में आए थे। हमें सिंगापुर और दुनिया भर के बाजार के खिलाड़ियों से परिचित कराया गया और इससे हमें सामाजिक उद्यम के प्रबंधन में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि मिली। यह मेरे लिए एक समृद्ध यात्रा रही है, और मुझे उम्मीद है कि मुझे आने वाले महीनों में काफी कुछ मिलने वाला है, जब मैं अपने मेंटर्स के साथ काम करूंगी।‘’
2010 के बाद से वाइएसई कार्यक्रम ने विश्व भर के युवाओं को दुनिया को बदलने की ताकत देता आया है। वे नए कौशल सीखते हैं जो संभावित सहयोग और स्थायित्वपूर्ण विकास के लिए पेशेवर नेटवर्क स्थापित करने के साथ ही अपने व्यवसाय के मॉडल को आकार देने और मजबूत करने के लिए उन्हें सशक्त बनाते हैं। एसआईएफ की पहचान बना यह वाईएसई कार्यक्रम तब से लेकर आज तक 39 राष्ट्रीयताओं वाले 1,200 से अधिक एल्युमिनी और सिंगापुर और उसके बाहर 525 सामाजिक उद्यमों के नेटवर्क का पोषण कर चुका है। इसके 10 वें वर्ष पर किए गए एक प्रभाव अध्ययन के अनुसार, 75 प्रतिशत सामाजिक उद्यम वाईएसई कार्यक्रम में शामिल होने के बाद अपने शुरुआती बिंदु से बढ़ते हुए स्टार्ट अप और उसके बाद की अवस्था में पहुंचे। 70 प्रतिशत शॉर्टलिस्टेड एल्युमिनी अभी भी सकारात्मक सामाजिक प्रभाव और 86 प्रतिशत फंडेड टीमें अभी भी संचालन में हैं।
वाईएसई 2020 के लिए चुनी गई भारतीय टीमों की प्रोफाइल
- बिल्ट एम्पैथी (भारत) – भारत की भाव्या सिंह के नेतृत्व में बिल्ट एम्पैथी, भारतीय शहरों में सामुदायिक और सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित, स्थायी और अधिक समावेशी बनाकर जीवन स्तर में सुधार लाता है। मानव-केंद्रित डिज़ाइन के अभ्यास के साथ, वे उन समुदायों के लिए डिज़ाइन लाते हैं जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है।
- कैनफेम (भारत) – भारत की आकृति गुप्ता के नेतृत्व में कैनफेम, स्तन कैंसर को परास्त कर जिंदगी जी रही महिलाओं को एकदम खास और किफायती प्रोडक्ट व सेवाएं उपलब्ध करा कर उनकी जिंदगी को बेहतर बनाता है। उनके बाहरी स्तन प्रोस्थेसिस और मास्टेक्टॉमी ब्रैसियर ऐसे लोगों को सम्मान के साथ समाज में वापस लाने और उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। 3,200 से अधिक रोगियों पर काम कर चुके उनके पायलट कार्यक्रम ने रोगियों में 93 प्रतिशत संतुष्टि दर दर्ज की है।
- इंटरनेशनल चेंजमेकर ओलंपियाड (भारत) – भारत के राहुल अधिकारी और पी साई सिंधु की अध्यक्षता वाला अंतर्राष्ट्रीय चेंजमेकर ओलंपियाड, स्कूलों में बच्चों को उनके आसपास की सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याओं की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए पहल करने का एक मंच प्रदान करता है। अपने कार्यक्रम के माध्यम से, छात्र वास्तविक दुनिया की समस्याओं की पहचान करने, समाधान विकसित करने और उन्हें पांच महीने की अवधि में कार्यान्वित करने के लिए टीमों में भाग लेते हैं। उनका उद्देश्य बच्चों को दुनिया का एक संवेदनशील व जागरूक नागरिक बनाने के साथ उनमें एक एक्शन आधारित मानसिकता का विकास करना है।
- शून्य एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (इंडिया) – भारत के माणिक ढींगरा द्वारा संचालित, शून्य एनवायरनमेंटल सॉल्यूशंस की दृष्टि दुनिया भर में शून्य अपशिष्ट वाली मानव बस्तियों का निर्माण करने की है। वे वर्तमान में भारत में 20 राज्यों में गैर-पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक के वैज्ञानिक ढंग से निपटान के काम में लगे हुए हैं। इसका उद्देश्य एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को डिजाइन करने की क्षमता रखने वाला संगठन बनना है जो पारिस्थितिक रूप से बुद्धिमान, सामाजिक रूप से समावेशी और आर्थिक रूप से स्थायित्वपूर्ण हो।