भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने आज यानी 8 सितंबर 2020 को वर्चुअल मंच पर रेल कनेक्ट का दूसरा संस्करण आयोजित किया। इस सम्मेलन में भारतीय रेल की भावी योजनाओं, स्वदेशी विनिर्माण और भारत में रेलवे उद्योग के लिए व्यापार करने में आसानी पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें सार्वजनिक निजी साझेदारी, प्रौद्योगिकी, शहरी गतिशीलता, स्टेशन का विकास, लोकोमोटिव आधुनिकीकरण, रेल माल भाड़ा, संचार प्रौद्योगिकी और रेलवे प्रणाली के सुरक्षा, स्वास्थ्य, वहनीयता मानकों आदि को कवर करते हुए रेल परिवहन में निजी उद्योग के लिए उभरते अवसरों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इस आयोजन में रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विनोद कुमार यादव, सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी और उद्योगपतियों ने शिरकत की।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा, “भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारतीय रेलवे का उल्लेख देश के विकास के इंजन के रूप में उचित ही किया जाता है। उनकी दृष्टि भारतीय रेल को एक ऐसी मजबूत इकाई बनाने की है जो रेलवे से जुड़ी रूमानियत को बरकरार रखते हुए आधुनिक तकनीक और अच्छी सेवा वाला अनुभव ग्राहकों को प्रदान करे। रेलवे की एक कायापलट हुई है। कोविड चरण के दौरान भारतीय रेलवे ने अवसर का उपयोग बाधाओं को दूर करने, रखरखाव करने, श्रमिक गाड़ियों को चलाने, माल ढुलाई की हिस्सेदारी वापस लाने, प्रक्रियाओं को मजबूत करने, नीतिगत बदलाव करने, निजी क्षेत्र, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ जुड़ने और बुनियादी ढांचे में सुधार करने में किया है।” केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रेलवे नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जक बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने उद्योग जगत के शीर्ष नेतृत्व से भारतीय रेलवे का साझेदार बनने और सहयोग करने का आग्रह किया ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में लागत प्रभावी समाधान प्रदान किए जा सकें और लॉजिस्टिक लागतों को कम किया जा सके। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि आत्मनिर्भर रेलवे दरअसल रेलवे और उद्योग दोनों की भागीदारी पर निर्भर करता है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष श्री विनोद कुमार यादव ने अपने संबोधन में आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और हरित रेलवे की दिशा में भारतीय रेल द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बात की। उन्होंने भारतीय रेलवे के परिवर्तन की योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की और कहा कि भारतीय रेलवे भारतीय उद्योगों के साथ सहयोग और साझेदारी के लिए खुला है।
इस सम्मेलन के दौरान विभिन्न उद्योगपतियों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान रेलवे द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका और रेलवे में साफ दिख रहे परिवर्तनों की सराहना की।