आइये वृक्षों को नक्षत्रों के अनुसार लगायें व संरक्षण दें
वृक्ष नक्षत्रानुसार-
नक्षत्रानुसार वृक्षों के संरक्षण व संवर्धन से ग्रहों के कुप्रभाव को सही किया जा सकता है
नक्षत्रों से संबंधित वृक्ष-
1 अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष :– केला, आक, धतूरा
2 भरणी नक्षत्र का वृक्ष :–केला, आंवला
3 कृत्तिका नक्षत्र का वृक्ष :– गूलर ।
4 रोहिणी नक्षत्र का वृक्ष :– जामुन ।
5 मृगशिरा नक्षत्र का वृक्ष :– खैर।
6 आर्द्रा नक्षत्र का वृक्ष :– आम, बेल ।
7 पुनर्वसु नक्षत्र का वृक्ष:– बांस ।
8 पुष्य नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल ।
9 आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष :– नाग केसर और चंदन।
10 मघा नक्षत्र का वृक्ष :– बड़।
11 पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- ढाक।
12 उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष :- बड़ और पाकड़।
13 हस्त नक्षत्र का वृक्ष :– रीठा।
14 चित्रा नक्षत्र का वृक्ष :– बेल।
15 स्वाति नक्षत्र का वृक्ष :– अर्जुन।
16 विशाखा नक्षत्र का वृक्ष :– नीम।
17 अनुराधा नक्षत्र का वृक्ष :– मौलसिरी।
18 ज्येष्ठा नक्षत्र का वृक्ष :– रीठा।
19 मूल नक्षत्र का वृक्ष :– राल का पेड़।
20 पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष :– मौलसिरी/जामुन।
21 उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष :– कटहल।
22 श्रवण नक्षत्र का वृक्ष :– आक।
23 धनिष्ठा नक्षत्र का वृक्ष :– शमी और सेमर।
24 शतभिषा नक्षत्र का वृक्ष :– कदम्ब।
25 पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष :– आम।
26 उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष :– पीपल और सोनपाठा।
27 रेवती नक्षत्र का वृक्ष :– महुआ।
शास्त्रों में वृक्षों के दर्शन व पूजन करने से सभी प्रकार की बाधाओं व क्लेशों से निवारण कहा गया है।
सोचिए ये वृक्ष ही ना होंगे तो कहाँ तो इनके दर्शन होंगे और कैसे करेंगे पूजन।
आइये हम सब वृक्षारोपण को अपनी आदत बनायें ।