एक प्रमुख वैश्विक प्रबंध संस्थान, भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (IIMA) द्वारा अरुण दुग्गल ESG सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन का शुभारंभ 3 दिसंबर, 2021 को होगा। इस केंद्र के लिए अक्षय निधि का योगदान श्री अरुण दुग्गल, अध्यक्ष, आईसीआरए द्वारा किया गया है।
अरुण दुग्गल ESG केंद्र की स्थापना भारत में पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट संचालन (ESG) पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान देने और भारतीय उद्यमों और संगठनों को ESG को उनके मुख्य व्यवसाय और निवेश निर्णयों में एकीकृत करने में मदद करने के लिए की गई है। ESG लक्ष्यों को अब दुनिया भर के व्यवसायों के मूल सिद्धांत के रूप में शामिल किया जा रहा है। ESG संचालित नवाचार और रणनीतिक व्यापार परिवर्तन हितधारक अभिविन्यास, दीर्घकालिक उद्यम मूल्य और लोगों और पृथ्वी के उत्कर्ष के आधार पर भावी पूंजी के अग्रदूत बनेंगे।
यह केंद्र भारत में हितधारक पूंजीवाद के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करते हुए, संगठनों और उद्यमों के ESG निष्पादन में सुधार के लिए संवाद और अत्याधुनिक अनुसंधान की सुविधा के लिए एक अग्रणी प्लेटफॉर्म बनना चाहता है।
केंद्र के शुभारंभ की घोषणा करते हुए, IIMA के निदेशक, प्रोफेसर एरोल डिसूजा ने कहा, “अरुण दुग्गल ESG सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन की स्थापना ऐसे समय में हुई है जब कंपनियां और नीति निर्माता ESG को अपनी दीर्घकालिक विकास रणनीति के एक अभिन्न हिस्से के रूप में तेजी से मान्यता दे रहे हैं, शामिल कर रहे हैं और प्राथमिकता दे रहे हैं। दुनिया भर में हाल की घटनाओं के प्रकाश में ESG का अब और भी महत्व बढ़ता जा रहा है और कंपनियां यह महसूस कर रही हैं कि उन्हें समाज और पर्यावरण को अपने व्यावसायिक निर्णयों के केंद्र में रखने की आवश्यकता है जो एक सुशासन ढांचे द्वारा समर्थित हैं। IIMA में यह केंद्र भारत में ESG बहस का नेतृत्व करने और इस क्षेत्र में नीति, विचार-नेतृत्व और पैरवी में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
श्री अरुण दुग्गल, अध्यक्ष आईसीआरए ESG निष्पादन मापन के महत्व को और कंपनियों के लिए रिपोर्टिंग और IIMA में इस केंद्र की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए, “कंपनियों का ESG निष्पादन दुनिया भर के निवेशकों से पूंजी के प्रवाह में सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक बनकर उभरा है। हालाँकि, यह अभी भी विकसित हो रहा है, विशेष रूप से भारत में और इस क्षेत्र को अधिक मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण शोध किए जाने की आवश्यकता है। हमारी आकांक्षा है कि IIMA भारत में और संभवतया पूरे एशिया में ESG अनुसंधान, शिक्षा और परामर्श में अग्रणी हो और यह नया ESG केंद्र हमें उस महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने में मदद करेगा।“
लॉन्च इवेंट में IIMA फैकल्टी सदस्यों सहित व्यापारिक समुदाय और शिक्षा जगत के कई प्रमुख सदस्यों की भागीदारी होगी।
भारत में पीडब्ल्यूसी कूपर्स के अध्यक्ष श्री संजीव कृष्ण वर्तमान कारोबारी परिदृश्य में ESG पद्धतियों की बढ़ती आवश्यकता पर एक उद्योग परिप्रेक्ष्य साझा करेंगे। इस केंद्र के शुभारंभ के बारे में बात करते हुए श्री कृष्ण ने कहा, “वर्तमान समय सामाजिक जरूरतों और व्यापार के अवसरों के बीच की खाई को पाटने का एक अनूठा अवसर प्रस्तुत करता है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि ESG अगले दशक में मूल्य संरक्षण के चरणों के माध्यम से मूल्य सृजन के लिए आगे बढ़ते हुए नव सामान्य बन जाएगा। यह नेतृत्व की प्रतिबद्धता, ऊपर से सही लहजे और नवाचार में निवेश की मांग करता है। यह व्यवसायों, सरकारों, नियामकों, शिक्षाविदों और बड़े पैमाने पर समाज से एक समेकित ‘समग्र समाज‘ दृष्टिकोण की भी मांग करता है, ताकि यह समझा जा सके कि वे कहां हैं और साहसिक महत्वाकांक्षाएं निर्धारित कर सकें; मापनयोग्य परिणामों के साथ एक ठोस, व्यावहारिक योजना विकसित कर सकें; और संसाधनों को प्रतिबद्ध कर सकें। इस तरह की पहल और साहचर्य प्रोत्साहन प्रदान करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे।”
अजय त्यागी, अध्यक्ष, सेबी मुख्य भाषण देंगे और उम्मीद की जाती है कि भारत में निगमित कंपनियों का समावेशी और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए व्यवसायों को ESG मेट्रिक्स में उनके परिचालन मॉडल में निर्बाध रूप से मिश्रण करने के लिए एक रणनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बोलेंगे।
श्री ब्रायन मोयनिहान, अध्यक्ष और सीईओ, बैंक ऑफ अमेरिका, ईएसजी के लिए वैश्विक नेता इस लॉन्च इवेंट का हिस्सा होंगे। श्री मोयनिहान ईएसजी से व्यवसायों और नवाचारों में होने वाले परिवर्तन के महत्व पर प्रोफेसर अनीश सुगथन के साथ अनौपचारिक बातचीत करेंगे।
श्री मोयनिहान ने केंद्र के आगामी लॉन्च पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के लिए व्यापार मॉडल का संयोजन करके, कंपनियां अच्छे परिणाम दे सकती हैं, और साथ ही, महत्वपूर्ण सामाजिक प्राथमिकताओं को हल करने में मदद कर सकती हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल (IBC), जिसमें भारत सहित दुनिया भर के सीईओ शामिल हैं, ने एसडीजी के सामने कंपनियों की प्रगति को मापने के लिए स्टेकहोल्डर कैपिटलिज्म मेट्रिक्स (SCM) का एक सेट विकसित किया है। आज तक, 100 से अधिक कंपनियों ने SCM पर रिपोर्टिंग के लिए प्रतिबद्ध किया है क्योंकि उनका ध्यान लाभ और उद्देश्य दोनों पर केंद्रित है। IIM अहमदाबाद द्वारा स्थापित ESG रिसर्च सेंटर भारत को टिकाऊ भविष्य हासिल करने में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है, जिसमें कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में संक्रमण करना भी शामिल है।
इस केंद्र के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए, केंद्र के सह-अध्यक्ष , प्रोफेसर अनीश सुगथन ने कहा, “IIMA में अरुण दुग्गल ESG सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनोवेशन में, हमारा प्रयास विभिन्न मुद्दों पर सख्त, संतुलित अनुसंधान को बढ़ावा देना है जो पर्यावरणीय चिरंतनता, मानव विकास और सामाजिक परिवर्तन पर भारतीय उद्योग के प्रभाव को हल कर सकते हैं। हमारा लक्ष्य जिम्मेदार पूंजीवाद के भविष्य को परिभाषित करने वाले सतत और नैतिक संगठनों को बढ़ावा देने वाला उत्कृष्टता केंद्र बनना है। अपने संचालन के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, केंद्र ESG एकीकरण के चुनिंदा क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा – वैश्विक रुझानों के अनुरूप भारत की प्रासंगिक वास्तविकताओं के प्रति समान रूप से ध्यान रखते हुए।”
केंद्र के सह-अध्यक्ष प्रोफेसर नमन देसाई ने केंद्र की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया और कहा, “केंद्र ESG में विश्लेषणात्मक और व्यावहारिक दृष्टिकोणों का एक अनूठा संयोजन लाते हुए कॉर्पोरेट चिरंतनता में कोर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम पेश करेगा। IIMA में, हमारे संकाय सदस्यों के पास ESG के प्रत्येक आयाम पर अनुसंधान के आधार पर व्यापक विशेषज्ञता है और यह इस प्रयास में जबरदस्त मूल्य वृद्धि कर सकता है। अपने शोध, शिक्षाविदों और अभ्यास के माध्यम से, हम इस नवजात पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने की उम्मीद करते हैं क्योंकि यह बढ़ता है और वर्षों से बदलते व्यापार मॉडल में खुद को एकीकृत करता है।”
उन्होंने आगे कहा कि “IIMA में ESG केंद्र भी भारतीय कंपनियों के ESG निष्पादन को बेहतर मापने के लिए एक अद्वितीय भारत केंद्रित ESG रेटिंग डेटा ढांचा विकसित कर रहा है“।
उच्च क्षमता वाले फैकल्टी पूल और मजबूत शोध प्रतिष्ठा के सहयोग से, IIMA उन अग्रणी पहलों में सबसे आगे रहा है जिनमें विद्वत्ता, अभ्यास और नीति को शिक्षित और प्रभावित करने की क्षमता है। सेंटर फॉर ESG रिसर्च एंड इनोवेशन IIMA में स्थापित होने वाला दसवां शोध केंद्र है। संस्थान ने अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में प्रबंध विज्ञान को लागू करने के लिए कई सेक्टर या मिशन उन्मुख थ्रस्ट ग्रुप जिन्हें ‘सेंटर’ कहा जाता है, की स्थापना करके कई अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रबंधन को पेशेवर बनाने की चुनौती ली है।
अरुण दुग्गल ESG रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर के लिए अक्षय निधि को नए स्थापित IIMA एंडोमेंट फंड द्वारा सुगम बनाया गया है, जो भारत में सभी प्रबंध संस्थानों में पहला है। IIMA एंडोमेंट फंड (IIMAEF) IIMA को दिए गए सभी दान के लिए संस्थान की एकीकृत धन उगाहने वाली और परोपकारी शाखा: व्यक्तिगत, बैच, कॉर्पोरेट, CSR आदि है।
IIMAEF का उद्देश्य IIMA की दीर्घकालिक वित्तीय स्वायत्तता के लिए एक कोष का निर्माण करना और संस्थान को दिए जाने वाले दान के लिए पारदर्शिता और संचालन के लिए एक मॉडल बनाना है। IIMAEF विश्व स्तर पर रणनीतिक रूप से विचारशील नेतृत्व, अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्टता के निर्माण में IIMA की पहल का भी समर्थन करेगा।
IIM अहमदाबाद के बारे में
भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (IIMA) एक प्रमुख, वैश्विक प्रबंध संस्थान है जो प्रबंध शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। अपने अस्तित्व के 60 वर्षों में, इसे अपने विशिष्ट शिक्षण, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, भावी नेताओं का पोषण, उद्योग, सरकार, सामाजिक उद्यम का समर्थन करने और समाज पर एक प्रगतिशील प्रभाव पैदा करने के माध्यम से विद्वत्ता, अभ्यास और नीति में अनुकरणीय योगदान के लिए स्वीकार किया गया है।
IIMA की स्थापना 1961 में सरकार, उद्योग और अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा एक अभिनव पहल के रूप में की गई थी। तब से यह अपने वैश्विक पदचिह्न को मजबूत कर रहा है और आज इसका 80 से अधिक शीर्ष अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और दुबई में उपस्थिति के साथ एक नेटवर्क है। इसके प्रख्यात फैकल्टी सदस्य और 40,000 पूर्व छात्र भी इसकी वैश्विक मान्यता में योगदान करते हैं, जो जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रभावशाली पदों पर हैं।
पिछले कुछ वर्षों में, IIMA के अकादमिक रूप से श्रेष्ठ, बाजार संचालित और सामाजिक रूप से प्रभावशाली कार्यक्रमों ने विश्व स्तर पर उच्च प्रतिष्ठा और प्रशंसा अर्जित की है। यह EQUIS से अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने वाला पहला भारतीय संस्थान बन गया। प्रबंधन में प्रसिद्ध दो वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रम (PGP) को FT मास्टर इन मैनेजमेंट रैंकिंग 2020 में 20वां स्थान दिया गया है और एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एग्जीक्यूटिव्स (PGPX) को FT ग्लोबल एमबीए रैंकिंग 2021 में 48वां स्थान दिया गया है।
संस्थान को भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF), भारत रैंकिंग 2020 में भी पहले स्थान पर रखा गया है। IIMA व्यावसायिक नेतृत्व, नीति निर्माताओं, उद्योग पेशेवरों, शिक्षाविदों, सरकारी अधिकारियों, सशस्त्र बलों के कार्मिकों, कृषि-व्यवसाय और अन्य विशिष्ट क्षेत्र के विशेषज्ञों और उद्यमियों के विविध लोगों के लिए अनुकूलित, मिश्रित और खुले नामांकन प्रारूपों में परामर्श सेवाएं और 200 से अधिक क्यूरेटेड कार्यपालक शिक्षा कार्यक्रम प्रदान करता है। IIMA के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया https://www.iima.ac.in/ देखें।