मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने प्रदेश के जिला पंचायत पदाधिकारियों एवं पंचायत अधिकारियों के आपसी समन्वय से विकास कार्यों को नई गति देने का प्रेरक आह्वान किया है.
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि जिला पंचायत स्तर पर जिले के विकास कार्यों की योजना बनाने से पूर्व विकास कार्यों की सूची, प्राथमिकता आदि में पदाधिकारियों को सहभागी बनाने के लिए समुचित समन्वय किया जाए.
मुख्यमंत्री गांधीनगर में राज्य के पंचायत विभाग द्वारा जिला पंचायतों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और कार्यकारी समिति अध्यक्षों के लिए आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे.
‘अमरता में स्वर्णिम भविष्य की ओर’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने निर्धारित कार्यक्रम से अलग रुख अख्तियार किया.
उन्होंने इस संगोष्ठी में भाग लेने वाले जिला पंचायत अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और कार्यकारी अध्यक्षों के साथ व्याख्यान श्रृंखला के बजाय एक संवादात्मक संवाद का आयोजन किया।
मुख्यमंत्री ने उनके प्रदर्शन, राज्य सरकार से प्राप्त प्रोत्साहन, जमीनी स्तर पर उठने वाले स्थानीय मुद्दों-प्रशासनिक मामलों की विस्तृत जानकारी लगभग 10 जिलों के पदाधिकारियों से पूछताछ के माध्यम से प्राप्त की.
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों से विकास कार्यों की दीर्घकालीन योजना बनाकर धन का पूर्ण उपयोग करने का अनुरोध किया.
इस संगोष्ठी के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने पंचायती राज को और अधिक सुदृढ़ एवं कुशल बनाने के लिए पंचायत विभाग के माध्यम से ‘पंचायती राज सूचना एवं प्रबंधन प्रणाली’ (परिणाम) पोर्टल का शुभारंभ किया.
इस परिणाम पोर्टल के माध्यम से, तालुका स्तर से राज्य सरकार के साथ सीधा पेपरलेस संचार होगा, एक केंद्रीकृत प्रणाली कर्मचारियों के अंतर-जिला स्थानांतरण, पदोन्नति और अन्य योजनाओं की वास्तविक समय की निगरानी और प्रबंधन को सक्षम बनाएगी।
इतना ही नहीं, भविष्य में परिणाम को ई-गवर्नेंस से जोड़कर पंचायत विभाग और राज्य सरकार को पूरी तरह से पारदर्शी और पेपरलेस बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
इस अवसर पर पंचायत राज्य मंत्री श्री बच्चूभाई खाबड़ ने राज्य-केंद्र की योजनाओं का लाभ दूर-दराज के लोगों तक पहुंचाने के लिए सूत्रधार के रूप में उपस्थित अधिकारियों का मार्गदर्शन किया।
अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार दास ने प्रत्येक जिले के लोगों की जरूरतों के अनुसार ‘बॉटम अप’ दृष्टिकोण और यूएनडीपी के सतत लक्ष्यों के अनुरूप मास्टर प्लान तैयार करने का सुझाव दिया।
इस एक दिवसीय संगोष्ठी में जिला पंचायत विकास योजना, तालुका पंचायत विकास योजना, जिला पंचायत के स्व-निधि वृद्धि प्रयासों, वित्तीय अनुशासन एवं सुसंगठित वित्त योजना एवं आईटी के क्षेत्र में पंचायत विभाग के योगदान की जानकारी दी गई।
पंचायत परिषद अध्यक्ष श्रीमती नयनाबेन पटेल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
गोष्ठी में पंचायत-ग्राम विकास के प्रमुख सचिव श्री मिलिंद तोरवाने, विकास आयुक्त श्री संदीप कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।