ट्रंप ने कहा, ’40 मिलियन डॉलर प्रति साल का भुगतान करने के बावजूद डब्ल्यूएचओ पर चाइना का नियंत्रण है, जबकि अमेरिका प्रति साल 450 मिलियन डॉलर का भुगतान कर रहा है। WHO कोरोना को रोकने में शुरुआती स्तर पर नाकाम रहा, क्योंकि अब सुधार की आवश्यकता है इसलिए आज हम डब्ल्यूएचओ के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर रहे हैं। ‘
ट्रंप ने बोला कि वह WHO को दिए जाने वाले फंड को अब पब्लिक हेल्थ की दिशा में कार्य करने वाले किसी व संगठन को देंगे।
‘कोरोना के कहर के लिए चीन-डब्ल्यूएचओ दोषी’
ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ और चीन को दुनियाभर में कोरोना से हुई मौतों का जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने कहा, ‘सालाना सिर्फ 40 मिलियन डॉलर (4 करोड़ डॉलर) की मदद देने के बावजूद चीन का डब्ल्यूएचओ पर पूरी तरह नियंत्रण है। दूसरी ओर अमेरिका इसके मुकाबले सालाना 45 करोड़ डॉलर की मदद दे रहा था। चूंकि वे जरूरी सुधार करने में नाकाम रहे हैं, इसलिए आज से हम डब्ल्यूएचओ से अपना संबंध खत्म करने जा रहे हैं।’
ट्रंप ने कहा, ‘वर्षों से चाइना की सरकार ने हमारे औद्योगिक रहस्यों को चुराने के लिए गलत ढंग से जासूसी की है। आज मैं हमारे देश के जरूरी विश्वविद्यालय अनुसंधान को बेहतर तरीका से सुरक्षित करने के लिए एक घोषणा जारी करूंगा व संभावित विदेशी जोखिमों के रूप में पहचाने जाने वाले चाइना के कुछ विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दूंगा। ‘
ट्रंप ने कहा, ‘हांगकांग के विरूद्ध चीनी सरकार का नया कदम उसकी साख को कम कर रहा है। यह हांगकांग के लोगों, चाइना के लोगों व वास्तव में संसार के लोगों के लिए एक त्रासदी है। ‘