मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एलएसी गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस झड़प के दौरान भारतीय सेना के दो अफसर समेत 3 जवान शहीद हो गए हैं। एक तरफ़ पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है. भारत में भी मामले एक लाख के पार जा चुके हैं और चीन पर यूरोप और अमरीका बार-बार सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में दोनों देशों के एक नए विवाद में पड़ने की वजह क्या है.
एसडी मुनि कहते हैं कि भारत इस वक़्त उन क्षेत्रों में अपना दावा मज़बूत करना चाहता है जिन्हें अपना मानता है पर वो विवादित हैं. भारत और चीन के बीच सीमा पर पिछले कई हफ़्तों से तनाव की स्थिति है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देश अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ा रहे थे.
वह बताते हैं, “इसकी शुरुआत तो 1958 से हो गई थी जब अक्साई चीन में चीन ने सड़क बनाई थी जो कराकोरम रोड से जुड़ती है और पाकिस्तान की तरफ़ भी जाती है. जब सड़क बन रही थी तब भारत का ध्यान उस पर नहीं गया लेकिन सड़क बनने के बाद भारत के उस समय के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उस पर आपत्ति जताई थी. उस वक़्त से ही भारत कह रहा है कि अक्साई चीन को चीन ने हड़प लिया है.”
लेकिन, तब भारत ने इस पर कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की थी. अब कार्रवाई इसलिए हो रही है क्योंकि भारत को अपना दावा करना है. जैसा कि पीओके और गिलगित-बालतिस्तान को लेकर भारत ने अपना दावा मज़बूत करना शुरू कर दिया है. उसी संदर्भ में अक्साई चीन में भी गतिविधियां हो रही हैं. लेकिन, अब चीन को इससे परेशानी होने लगी है.