राजस्थान विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुए राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को पायलट को बुलाकर सीधी बातचीत की। इसमें पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ शिकायतों का पिटारा खोला तो हाईकमान ने समाधान निकालने का भरोसा दिया। पायलट ने कांग्रेस के साथ अपनी सियासी पारी जारी रखने की प्रतिबद्धता भी जताई। हाईकमान ने पायलट व उनके समर्थक विधायकों की शिकायतों पर गौर कर हल निकालने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा भी की है। इस सुलह से जहां कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा में नंबर गेम साधने की कोशिश की है, वहीं अपने खेमे के साथियों का भी समर्थन खोते जा रहे पायलट को भी पार्टी की छतरी में रहना ही ज्यादा सुरक्षित विकल्प लग रहा है।राहुल गांधी के निवास पर करीब दो घंटे से अधिक चली बैठक में पायलट ने अपने साथ बागी विधायकों की वापसी के फॉर्मूले पर हाईकमान से बातचीत की।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने देर शाम बयान जारी कर पायलट के कांग्रेस की राह पर लौटने की घोषणा करते हुए इस आशय का साफ संदेश भी दिया। उनके अनुसार पायलट ने सोमवार को राहुल गांधी से मुलाकात में सभी शिकायतों पर खुली-बेबाक और निर्णायक बातचीत की। पायलट ने इस दौरान कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल-सचिन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि पायलट और असंतुष्ट विधायकों की शिकायतों पर गौर कर उनका उचित हल निकालने के लिए एआइसीसी की तीन सदस्यीय समिति गठित की जाएगी।
अब ऐसे निकलेगा रास्ता
-समिति की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा सुलह का आखिरी फॉर्मूला
– पायलट को कांग्रेस में उनकी प्रतिष्ठा के हिसाब से पद देने का वादा
– बागी विधायकों को भी राजस्थान सरकार और प्रदेश संगठन में उचित जगह मिलेगी
– मंत्री पद से बर्खास्त विधायकों को दोबारा मंत्री बनाए जाने के आसार