तुम्हारे साथ बीते…. अरे.. मतलब की महसूस किये हर एक पल याद रहेगे.. तुम मुझे मिल भी सकोगे ऐसी मुझे कल्पना भी ना थी । मेरे लिए वो हर एक पल किमती है। जिंदगी में कभी ऐसा अहेसास नहीं हुआ.. मुझे विश्वास ना था की मेरे मन मे भी प्रेम के फुल खिलेगे । और ये हर एक खास महत्व के पलो का सब श्रेय ‘फेसबुक’ को जाता है ।
दो साल पहले जब तुम मुझे मिले । तब मुझे यकीन नहीं था की फेसबुक पर का एक अंजान शख्स भी इतना अच्छा हो सकता है । तुम्हे मेरे अकाउंट पर से “request” भेजने के लिए कुछ देर मेरी उंगलियाँ नाजाने कब अपने आप ही “cancel” और “send” के विकल्प को छु रही हो ऐसा लग रहा था । तुम्हारा वो शांत और उसमें रही स्मित देख ना जाने क्यु पर एक अलग सा अहेसास हुआ । पहले तो मुझे ऐसा लगा, शायद ऐसी नोटिफिकेशन नहीं आएगी की तुमने भी “request accept” की है । क्योंकि की कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने आप को ज्यादा ही खुबसूरत समझते है । भेजी हुई request को cancel कर देते हैं ।
कुछ देर बाद जब मोबाईल का डेटा ओन कर देखा की फेसबुक मे नोटिफिकेशन आई की तुम्हारी request accept हो गई है ।
कुछ देर सोच रहा था की message करूँ के ना करूँ, लेकिन मुझसे रहा नहीं गया और तुम्हे message कर दिया और तुमने मेरे message का जवाब भी दिया.
तुम्हारे साथ हुई वो सारी बातें शायद तुम भुल भी जाओ ।
पर में वो सारी बातें कभी चाह कर भी भुल नही सकुंगी।
– धीरेन जादव